तेनाली रामा की चुनिन्दा मजेदार कहानियां
धारणा तभी से बन गई थी मेरी, कि पति नामक जीव को, पत्नी पर अत्याचार का व... पढ़ें
सच बोलने वाला सलाहकार – तेनालीराम की कहानी
अब तो तू कहीं दिखलाई भी नहीं देता! मालूम होता है, इस गाँव में रहना नहीं चाहता।”
एक दिन की बात है रितेश को स्कूल के लिए देरी हो रही थी। वह घास नहीं ला सका, और स्कूल चला गया। जब स्कूल से आया तो खरगोश अपने घर में नहीं था। रितेश ने खूब ढूंढा परंतु कहीं नहीं मिला। सब लोगों से पूछा मगर खरगोश कहीं भी नहीं मिला।
सलीम जब उस बच्चे को लेकर जाने लगा बकरी समझ गई। उसके बच्चे को यह लोग ले जा रहे हैं।
राजा ने अपने भोजन से आधी रोटी और गुड़ उसको भी खिला दिया। पढ़ें
अब्दुल के पास एक बकरी थी , उस बकरी का एक छोटा सा बच्चा था। अब्दुल दोनों को प्यार करता उनके लिए खेत से नरम और मुलायम घास लाता।
चुनमुन कहती अभी थोड़ी और बड़ी हो जाओ तब सिखाएंगे। बच्चे दिनभर ची ची ची ची करके चुनमुन को परेशान करते।
sher aur chuha Panchtantra ki kahani in Hindi
आज का समय बदल चुका है, जहाँ हमने अपने बचपन में इन कहानियों को अपने दादा-दादी और नाना-नानी से सुनी थी, वो कहानियां आज इंटरनेट पर मात्र कुछ ही समय में उपलब्ध हो जाती है।
shakuntala aur dushyant ki prem katha
सुरीली सोच में पड़ गई , इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊंगी। click here मगर खाना नहीं लाया तो बच्चों का भूख कैसे शांत होगा। काफी देर सोचने के बाद सुरीली ने एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई।
पंचतंत्र की कहानी: लकड़हारा और शेर – lakadhara aur sher
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